क्रोध दोष का दर्शन कराता हैः मोरारी बापू  ।।                                                     बड़ी उर्जा का नाम है हनुमान।।

क्रोध दोष का दर्शन कराता हैः मोरारी बापू  ।।                                                    
बड़ी उर्जा का नाम है हनुमान।।



 


 



उत्तरकाशी (चिरंजीव सेमवाल) 3 सिंतबर। काशी नगरी उत्तरकाशी में गंगानदी तट पर ज्ञानसू में चल रही श्री राम कथा का विश्व विख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने प्रवचन करते हुये कहा कि क्रोध दोष का दर्शन कराता हैं। उन्होंने कहा कि प्यार बस प्यार होता है,इसमें जाति पाति कहीं भी आड़े नहीं आती है। उन्हांेने कहा कि माता पिता, प्रभु और गुरू की बाणी बिना सोचे शुभ होती है। सत्संग को जानने के लिये भी अच्छे विचारों को जानने की जरूरत है। बिना सत्संग के मानव का विवक नहीं जागता है। उन्हांेने कहा कि हनुमान बड़ी उर्जा का नाम है। 
मुख्य यजमान समासेवी व उद्योगपति रमाशंकर बाजोरिया परिवार की ओर से आयोजित ज्ञानसू स्थित नदी तट पर आयोजित श्री राम कथा में मोरारी बापू ने कहा है कि उत्तरकाशी भगवान विश्वनाथ की पवित्र तीर्थ स्थली है। यह पतित पावन मां गंगा का मायका एवं काल भैरव मौजूद हैं। उन्होंने कहा काशी नगरी व कैलाश आश्रम  की एक शाखा उत्तरकाशी मैं है। कैलाश आश्रम के छठे पीठाधीश से ही उनके दादा ने दीक्षा ली थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हिमालय से उनका पुराना नाता हैं। उत्तरकाशी में वह उन्हें तीसरी बार राम कथा करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। बापू ने कहा हैं कि क्रोध दोष का दर्शन करवाता है। रामचरितमानस मैं कैकय व मंथरा का दृष्टांत सुनाते हुई मंथरा ने माता कैकय को दशरथ के इतनी बड़े राजमहल में भी कोप  भवन में जाने की सलाह दी । कोप भवन जाते कैकय को राम पर दोष ही दोष दिखने लगा और श्री राम को चैदह वर्ष का वनवास मांगा। मोरारी बापू ने बताया कि मेरे दादाजी ने एक वेदांता की पुस्तके लिखा है कि पहले देखो फिर उसे सुनो उसके बाद उस पर चिंतन करो। हनुमान का जिक्र करते हुये मोरारी बापू ने कहा कि बड़ी उर्जा का नाम हनुमान है। हनुमान प्राण बचाने वालों में एक है। लक्ष्मण के मेघनाथ की शक्ति से मूर्छित होने, माता सीता की खोज में बानरों के प्राण भूख से बचाने,, सुग्रिव और भरत के प्राणों को बचाने का काम हनुमान ने किया। उन्होंने कहा कि हनुमान को संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता है। मोरी बापू ने माया की व्याख्या करते हुये कहा कि माया कृपा होती है। माया को कभी हटाना नहीं चाहिए,बल्कि उसे इधर उधर रहने देना चाहिए। बापू ने भिक्षा लेने संतों व अन्य किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए,लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जिस घर में दूसरों की निंदंा होती है उस घर कभी भी भिक्षा न ली जाय। उन्होंने कहा कि संस्कार के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। संस्कार के लिये कोई विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि आनंद का रूवरूप ही मनुष्य को संस्कारवान बनता है। श्रीराम कथा सुनने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही स्थानीय लोग भी हजारों की संख्या में पंडाल में उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी डा.आशीष चैहन, गुजरात से से आये प्रसिद्ध साहित्यकार एवं हास्य कलाकार रघवीर चैदरी,भागेश्वर झा,माधव राम चंद्र, नितिन गामा,हरिश चंद्र जोशी, गोविंद कृष्ण पाठक सहित बड़ी गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कथा समाप्ति के बाद हर रोजा उपस्थित सभी श्रोताआंे के लिये भोजन व प्रसाद की व्यवस्था भी जा रही है।