राज्य में 24 हजार के करीब रिक्त पदों पर होगें नियुक्तियां:: त्रिवेंद्र रावत ।।
वर्ष 2019-20 को रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जायेगा ।।। चिरंजीव सेमवाल
संपादक सरूताल संदेश।।
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य में लगभग 24 हजार के करीब रिक्त पदों पर नियुक्यिं की जानी है, इसीलिए प्रदेश में वर्ष 2019-20 को रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लगभग 8500 पद अधियाचन की प्रक्रिया में है। लोक सेवा आयोग द्वारा भी रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।
इसी प्रकार 5500 पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया हेतु विभागीय सचिवों को प्रत्येक 10 दिन में समीक्षा करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
चार धाम श्राइन बोर्ड के गठन के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं या कोई नई प्रक्रिया अपनाते हैं तो प्रारंभ में उसका विरोध होता ही है।
केदारनाथ पुनर्निमाण कार्यों का भी प्रारंभ में विरोध हुआ था। उन्होंने कहा प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से हिन्दु श्रद्धालु आना चाहते हैं, हमें अच्छे आतिथ्य के रूप में जाना जाता है।
देश-विदेश के श्रद्धालुओं को उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थलों पर आने का मौका मिले तथा उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए कैबिनेट द्वारा श्राइन बोर्ड के गठन को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2030 तक 01 करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां आयेंगे, इसी के दृष्टिगत धार्मिक स्थलों पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी होंगी।
उन्होंने कहा कि पंडा समाज के हक-हकूकों का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी को भी आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है। इसके तहत भावी पीढ़ी की सुविधाओं को भी संरक्षित रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही हमें सब की चिंता है, इसी के दृष्टिगत श्राइन बोर्ड का अध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बदरीनाथ का भी मास्टर प्लान के तहत विकास किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी विश्वविद्यालयों के लिए तैयार किये जा रहे अम्ब्रैला एक्ट के सम्बन्ध में बताया कि प्रदेश में 12 सरकारी तथा लगभग 20 प्राईवेट विश्वविद्यालयों को अम्ब्रैला एक्ट के तहत लाने पर विचार किया जा रहा है।