श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर  कटघरे में सरकार ! गंगोत्री मंदिर समिति ने डबल इंजन सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा प्रदर्शन में लगे  सरकार के  विरोध मैं नारे।

 




श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर 

कटघरे में सरकार !

गंगोत्री मंदिर समिति ने डबल इंजन सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

प्रदर्शन में लगे  सरकार के  विरोध मैं नारे।

 

उत्तराखण्ड की सत्ता पिछले ढाई सालों से डबल इंजन सरकार के हाथों में है। देखने में आ रहा है कि अपने अभी तक के कार्यकाल में सरकार ने जिस काम को करने में अपना सबसे ज्यादा फोकस रखा है वह है कैबिनेट के फैसले लेना? पिछले ढाई साल में कैबिनेट के फैसले लेने में सरकार इतनी आतुर नजर आई कि कभी कभी यह भी देखने को मिला एक बैठक अभी पूरी भी नहीं हुई और अगली बैठक की तिथि तक निर्धारित हो गई? कैबिनेट की बैठकों में लिए गए अधिकांश निर्णय कागजी तौर पर तो जरूर नजर आ जाते है लेकिन धरताल पर उनका नजर न आना लंबे समय से अपने आपमें कई सवालों को जन्म दे रहा है? हाल ही में संपन्न हुई एक कैबिनेट बैठक में सरकार ने उत्तराखण्ड के पर्यटन की रीढ़ को चारधाम के लिए श्राइन बोर्ड के गठन का फैसला लिया। सरकार का यह फैसला उसके लिए गले की फांस बनता दिख रहा है क्योंकि श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर विपक्ष व चारधाम के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर रखा है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि डबल इंजन सरकार का यह फैसला देवभूमि के धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने से अधिक और कुछ नहीं है। श्राइन बोर्ड के गठन के विरोध में आज गंगोत्री मंदिर समिति के तीर्थ पुरोहितो ने उत्तरकाशी में जुलूस निकालते हुए प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। त्रिवेन्द्र सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जुलूस जिला मुख्यालय पंहुचा और वहां जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया। 

 

 

उत्तरकाशी  (चिरंजीव सेमवाल )30 नवंबर। भाजपा सरकार ने चार धामों को श्राइन बोर्ड के हवाले करने के निर्णय को निन्दनीय एवं सनातन धर्म के विपरीत बताते हुये हजारों वर्षं पुरानी सनातन पूजा पद्धति एवं परम्पराओं में बदलाव धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ बताते हुए गंगोत्री मंदिर समिति ने जिला मुख्यालय मे सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। भेेेेजे गये ज्ञापन  में कहा  गया है कि भाजपा के कुछ बड़े नेता कई धार्मिक संस्थाओं का संचालन करते हैं श्राइन बोर्ड की आड में देवभूमि के धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा सरकार में चारों धामों के तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाओं का नितांत अभाव रहा है, सरकार को चाहिए कि अपने राज्य के बजट से यात्रियों को सुविधायें उपलब्ध कराये न कि श्राइन बोर्ड के नाम पर कब्जे की कोशिश करे। सरकार अब लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर रही है। भाजपा सरकार के इस निर्णय से तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों पर हस्तक्षेप का काम किया है तथा बिना तीर्थ पुरोहित व प्रदेशवासियों को विश्वास में लिए बिना सीघे चारधामों के लिए वैष्णो देवी की तर्ज पर श्राइन बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया जोकि सीधे-सीधे लोगों के धार्मिक स्थलों पर सरकार का कब्जा करने की कोशिश मात्र है। गंगोत्री मंदिर समिति बताया कि सरकार ने आनन फानन में पुरोहितों को बताए बिना कैबिनेट में प्रस्ताव पारित करवा दिया। जब तक इस कानून को वापस नही लिया जाता तब तक तीर्थ पुरोहीत इसका विरोध करेगें।

समिति के लोग भारी संख्या मंे उत्तरकाशी मुख्यालय ढोल नगाड़ों के साथ पंहुचे। शहर के विभिन्न मार्केटों से गुजर कर जुलूस  जिला मुख्यालय पंहुचा जहां लोगों ने श्राइन बोर्ड गठन के विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तीर्थपुरोहितो ने डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान लोगों ने त्रिवेन्द्र सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। सरकार के इस फैसले पर नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवाण का कहना था कि श्राइन बोर्ड का गठन करना गलत है और वह इसके विरूद्ध सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ंगे। इधर क्षेत्रीय विधायक गोपाल रावत ने कहा कि 27 नवम्बर को कैबिनेट आये साइन बोर्ड का एक्ट हमने अभी पढ़ा नहीं हम इस मामले में तीर्थ पुरोहितों के ह को को को नहीं मरने देंगे समाप्त होने देंगे उसके लिए इसके लिए हम मुख्यमंत्री जी से वार्ता करें प्रसन्न करने में प्रदर्शन करने में अशोक सेमवाल ,दीपक सेमवाल ,एडवोकेट रविंद्र सेमवाल, राजेश सेमवाल पवन सेमवाल शैलेश सेमवाल, अनुपम सेमवाल सहित भारी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे हैं।