उत्तराखंड - हरियाणा मैं भाजपा कर रही सरकार के मुखिया बदलने पर मंथन ! मुखिया बदलने की खबर से राजनीतिक गलियारों में हलचल।। चिरंजीव सेमवाल
• Chiranjeev Semwal
उत्तराखंड - हरियाणा मैं भाजपा कर रही सरकार के मुखिया बदलने पर मंथन !
मुखिया बदलने की खबर से राजनीतिक गलियारों में हलचल।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। उत्तराखंड सहित हरियाणा राज्य मैं इन दिनों सरकार के मुखिया बदलने कि चर्चा जोरों पर है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों की माने तो झारखंड हार से भाजपा ने अपने शासित प्रदेशों में बड़े पैमाने पर नेतृत्व परिवर्तन का खाका तैयार कर लिया है , इसी कड़ी के मद्देनजर पार्टी उत्तराखंड से नेतृत्व परिवर्तन की शुरुआत कर सकती है। भाजपा सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड मैं विधानसभा 2022 को मध्य नजर व 2024 के केंद्र की सत्ता वापसी के लिए भाजपा थिंक टैंक ने जो राजनीतिक खाका तैयार किया है उसके लिए योजना है कि सिर्फ मोदी के नाम का सहारा लेकर राज्यों की सत्ता हासिल नहीं की जा सकती ।
जिस प्रकार पिछले 1 वर्ष में पांच राज्यों में पार्टी का जो हाल हुआ है उससे भाजपा आलाकमान सकते में हैं। आज मोदी के कद के बराबर का एक भी नेता विपक्ष या किसी अन्य राजनीतिक दल के पास नहीं है बावजूद इसके एक-एक करके पांच राज्य भाजपा के हाथों से रेत की तरह फिसल गए हैं।जिससे भाजपा में एक डर का माहौल है।लगातार भाजपा शासित प्रदेशों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। राम मंदिर , धारा 370 जैसे लोकलुभावन मुद्दों की कामयाबी के पश्चात भी पांच राज्यों के चुनाव में पार्टी को कोई लाभ नहीं पहुंचा है। संघ से मार्गदर्शन के बाद भाजपा आलाकमान इस नतीजे पर पहुंचा है कि राज्यों में मनमाफिक नतीजों के लिए अब जबरदस्ती थोपे गए चेहरों से काम नहीं चलने वाला अब राज्यों के लिए शासक नहीं अपितु जन - नेता की आवश्यकता है । पार्टी को समझ आने लगा है कि जनता केंद्र द्वारा जबरन थोपे गए नेताओ से अजीज आ चुकी है ।पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी घबराई हुई है, सरकार को मिल रही खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार अरविंद केजरीवाल दिल्ली में एक बार फिर वापसी करने जा रहे हैं और इस बार तो भाजपा का पहले से भी ज्यादा बुरा हाल हो सकता है पहले तो दिल्ली में भाजपा को 3 सीट मिल गई थी परंतु इस बार इन 3 सीटों से भी हाथ धोने की संभावना जताई जा रही है । अगर ऐसा होता है तो लगातार छह राज्यों में भाजपा की हार से राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की जो छवि धूमिल होगी उसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है । और इससे जो लोगों के मन में मोदी - शाह के अजेय होने का विश्वास बना हुआ है वह पूरी तरह चकनाचूर हो जाएगा । होने वाले नुकसान के डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी ने अभी से ही रणनीति बनानी शुरू कर दी है और इसकी शुरुआत सबसे पहले उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन करके किया जा सकता है। भाजपा के उच्चपदस्थ सूत्रों से खबर मिल रही है कि यहां पर जल्द ही जनप्रिय और पार्टी के समर्पित किसी दिग्गज को राज्य सरकार की कमान सौंपी जा सकती है। उसके बाद देश के अन्य राज्यों में भी इस फार्मूले का इस्तेमाल किया जाए सकता है, जिसमें दूसरे नंबर पर हरियाणा हो सकता है क्योंकि यहां पर भी मुख्यमंत्री पद पर विराजमान मनोहर लाल खट्टर जनप्रिय नहीं बल्कि थोपे गए मुख्यमंत्री हैं। इधर सरकार के मुख्य बदलने की खबर से राजनीतिक गलियारों हलचल भी शुरुआत हो रही हैं। इसमें सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह भी है कि एक ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को 2-2 पुरस्कारों से नवाजा जा रहा है दूसरी ओर मुख्य बदलने की खबरें भी सामने आ रही आखिर यह षड्यंत्र है मुख्यमंत्री के खिलाफ की कि वास्तव में मुख्य बदलने की कवायद शुरू कर दी बीजेपी ने?