उत्तरकाशी: सेवा समाप्ति से उग्र हुआ आंगनवाड़ी संगठन का आंदोलन ।।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के समर्थन मैं उतरे कॉन्ग्रेस।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी 27 जनवरी। अपनी मांगों को लेकर बीते 51 से आंगनबाड़ी संगठन की प्रदेश व्यापी हड़ताल जारी है केन्द्रों पर ताले लटके हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सरकार ने आंगनवाड़ी वर्कर्स तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी किया उससे आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
उत्तरकाशी स्थित कलेक्ट्रेट धरना स्थल पर सोमवार को गंगोत्री क्षेत्र के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने एक बार फिर अपना बतौर समर्थन हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की निरंकुश तानाशाही सरकार ने तुगलकी फरमान देकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री हमारी बहनों का निलंबन कर नारी शक्ति का घोर अपमान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी निरंकुश सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी बहनों की एकजुटता और निडरता काबिले तारीफ है। उन्होंने अपना समर्थन देकर कहा कि देहरादून जाकर अपने शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा कर सड़क से लेकर सदन तक वे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जायज मांगों पर उनके साथ खड़े है।
बता दे कि आंगनबाड़ी संगठन की मुख्य मांग है कि उन्हे राज्य कर्मचारी घोषित करने के साथ ही हरियाणा की तर्ज पर 18000 मानदेय दिया जाये। कई दिनों की असफल वार्ता और धरने व कार्य बहिष्कार के बाद सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों पर कढ़ा रुख अपनाते हुए दो दर्जन के करीब कार्यकत्रियों की सेवायें समाप्त कर दी हैं।
पिछले 51 दिनों से उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट परिसर एवं जिले के विकासखंड स्तरों पर सहित देहरादून के परेड ग्राउंड मे आंदोलनरत कार्यकत्रियां सरकार के इस कदम से आंदोलन उग्र हो गया हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति जनपद के केंद्र मे जिला कार्यक्रम अधिकारी के अधीन होती है। सरकार के आदेश के बाद जिलों मे डीपीओ ने बंद पड़े केन्द्रों के संचालक आंगबाड़ी वर्करों को 23 जनवरी से सभी केन्द्रों पर सेवायें शुरू करने का नोटिस जारी किया था । तब भी कई केंद्रों पर ताले नहीं खुले तो अब तक , पौड़ी, रूद्रप्रयाग और चमोली मे दो दर्जन वर्करों को पदभार मुक्त कर इनकी सेवायें समाप्त कर सरकार ने आंगनबाड़ी संगठन के आंदोलन की आग मे घी डालने का काम कर दिया है। संगठन का आंदोलन अब और भी व्यापक रूप ले चुका है। प्रदेश मे 20 हजार के करीब आंगनबाड़ी वर्कर केन्द्रों पर अपनी सेवायें दे रही हैं।आंगन बाड़ी कार्यकर्तियां बाल विकास के अधीन छह कार्यों का क्रियान्वन करती हैं, साथ ही इसके सरकार की ओर से दिये गये गर्भवती पौष्टिक आहार, पल्स पोलियो, जनगणना और मतदान कार्यक्रम मे इनकी सेवायें ली जाती हैं। लेकिन लम्बे समय से कार्यबहिष्कार से महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास का कार्य ठप पड़ गया।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य जब आंदोलित कर्मियों को मनाने मे नाकाम रही तो अब उन्होने काम पर न लौटने वाली कार्यकर्ताओं की सेवायें समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया है। राज्य मंत्री ने बयान दिया कि तीन घंटे कार्य करने लिए साड़े सात हजार मानदेय बहुत है। इनके इस बयान के बाद से सभी कार्यकत्रियों आक्रोश बढ गया है। उन्होंने कहा कि समान कार्य के लिए उन्हे समान वेतन चाहिए और सभी मांगे पूरी न होने तक वह हड़ताल पर ही रहेंगी।
यहां बता दें कि प्रदेश मे लगभग बीस हजार के करीब आंगन बाड़ी कार्यकत्रियां हैं। अभी तक आंगनबाड़ी पूर्ण केंद्र की संचालिका को 7500, मिनी केंद्र संचालिका को 4700 और सहायिका को 3700 रूपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है।
सोमवार को गंगोत्री क्षेत्र के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवान के नेतृत्व में आंगनबाड़ी संगठन के समर्थन में कांग्रेस जिला अध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, दिनेश गौड़ भूपेश कुडियाल,कमल सिंह,प्रताप प्रकाश पंवार, विजेंदर नौटियाल,सीपीआई नेता महावीर प्रसाद भट्ट मौजूद रहे हैं। इधर आंगनबाड़ी संगठन धरने पर बैठी जिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी नौटियाल, संगीता, सेमवाल , सरिता पंवार, हेमा नेगी संपत्ति सेमवाल,सुनिता भट्ट, ने ने सरकार को चुन्नत चुनौती देकर कहा है कि हम अपने आंदोलन को जारी रखेंगे सरकार के इस तुगली फरमान से पहाड़ की माताएं डरने वाली नहीं है।