दिल्ली : राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर का रिचार्ज,महामृत्युंजय जाप से मरीजों के स्वास्थ्य में आए सुधार।।
::चिरंजीव सेमवाल::
उत्तरकाशी। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर ने महामृत्युंजय जाप मंत्र पर रिचार्ज कर रहे है। अस्पताल के डॉक्टरों ने 20 मरीजों पर इस मंत्र का प्रयोग किया है जिमे 18 की हालत में सुधार आ गया है। जिन मरिजों पर इस मंत्र का प्रयोग नहीं किया गया उनके हालात में कोई सुधार नहीं हुआ।
बता दे कि दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल मैं 40 मरीज ब्रेन हेमरेज के थे जो कोमा में थे डॉक्टरों ने 20 मरीजों पर रीसर्च करने का तरीका कुछ इस तरह था। 20- 20 को दो समो में बांटा गया जिन 20 मरीजों के लिये दिल्ली स्थित संस्कृत विद्यापीठ आचार्यों ने महामृत्युंजय का जाप संकल्प करवाया गया। उनकी स्वास्थ्य में सुधार हो गया और जिन के लिये नहीं करवा गया उनके स्वास्थ्य में कोई भी सुधार नहीं आया। अस्पताल से 13 किलोमीटर दूर दिल्ली स्थित संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यों ने बकायदा परिजनों से संकल्प करने के बाद मंत्र का जाप शुरु किया जिससे 18 मरिजों मैं सुधार से डॉक्टर इस नतीजे के पहुंचे हैं कि मंत्रों में मृत्यु पर विजय पाने कि शक्ति है। इसलिए पुराणों में महामृत्युंजय जाप को वेदों की संजीवनी कहां गया है । वेदों मैं महामृत्युंजय जय जाप की रचना मारकंडेय ऋषि ने किया था । ऋग्वेद के 7वे अध्याय में इसका वर्णन है।
हिंदू धर्म में अनेको पुराण हैं। भगवान शिव की सभी कथाओं का जिक्र शिवपुराण में किया गया है। इस पुराण में शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेकों तरीके बताए गए हैं। उन्हीं में से महामंत्र है, महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) । मान्यता है कि यह भगवान शिव का सबसे प्रिय है। इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु पर भी जीत हासिल की जा सकती है। भोलेनाथ को प्रसन्न करना सबसे आसान माना गया है। माना जाता है भगवान शिव ज्यादा मेहनत नहीं करवाते हैं। उनकी पूजा करने वाले के मन में श्रद्धा होनी चाहिए। जहां सच्ची लगन और श्रद्धा होती है, शिव उसी के हो जाते हैं। माना जाता है महामृत्युंजय मंत्र को पढ़ने वाले से शिव प्रसन्न हो जाते हैं और सभी कष्टों से मुक्त कर देते हैं।
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. भगवान शिव के 'महामृत्युंजय मंत्र' सर्वदोष नाशक मंत्र है।
शिव का यह मंत्र मानव जीवन के लिए अभेद्य कवच है। बीमारी हो या दुर्घटना आदि से मृत्यु का भय यह मंत्र सब दूर करता है। इसका जाप शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा को भी दूर करता है। इस शिव मंत्र जाप से शरीर रक्षा के साथ बुद्धि, विद्या, यश और लक्ष्मी भी बढ़ती है।
महामृत्युंजय मंत्र के जप का समय वैसे तो Mahamrityunjay Mantra का जाप कभी भी कर सकते है, परन्तु सोमवार भगवान शिव का दिन होता है और यह अत्यंत शुभ होता है। प्रियजनों के वियोग, भाई बंधुओ से विद्रोह, कलंक, धनाभाव, कोर्ट-कचहरी के मुक़दमे आदि कष्टों में यह मंत्र बहुत ही कारगर है। विवाह मेल में लड़के और लड़की के नाडी दोष, भकूट दोष और मांगलिक दोष निवारण में भी यह उपयोगी है।
। ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद में भी इस मंत्र का उल्लेख मिलता हैं। इसके अलावा शिव पुराण में इस मंत्र व इसके आशय को विस्तार से बताया गया हैं। क्या है Mahamrityunjay Mantraऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँमहा मृत्युंजय मंत्र का अर्थत्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय।सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित।पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णतावर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।उर्वारुक- ककड़ी।इवत्र- जैसे, इस तरह।बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।मृत्यु- मृत्यु सेर्मुक्षीय, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।मा अमृतात- अमरता, मोक्ष।सरल अनुवादहम त्रि-नेत्रीय वास्तविकता का चिंतन करते हैं। जो जीवन की मधुर परिपूर्णता को पोषित करता है और वृद्धि करता है। ककड़ी की तरह हम इसके तने से अलग हम जीवन व मृत्यु के बंधन से मुक्त हो।
मंत्र में 32 शब्दों का प्रयोगइस मंत्र में 32 शब्दों का प्रयोग हुआ है और इसी मंत्र में ॐ' लगा देने से 33 शब्द हो जाते हैं। इसे 'त्रयस्त्रिशाक्षरी या तैंतीस अक्षरी मंत्र कहते हैं। श्री वशिष्ठजी ने इन 33 शब्दों के 33 देवता अर्थात् शक्तियाँ निश्चित की हैं जो कि निम्नलिखित हैं।
परम फलकारक Mahamrityunjay Mantraश्रावण मास में Mahamrityunjay Mantra का जप करना परम फलदायक है। महामृत्युंजय मंत्र के जप व उपासना के तरीके आवश्यकता के अनुरूप होते हैं। अधिकतर लोग इसे आपदा, बीमारी में रक्षा और मरणासन्न व्यक्ति की जान बचाने के लिए प्रयोग में लाता है। लेकिन सावन मास में हर तरह की उपासना के लिए इस मंत्र का जप किया जाता है।