डुण्डा : भोटिया समुदाय में लोसर की धूम, पूर्व विधायक सजवाण ने दी शुभकामनाएं ।।
चिरंजीव सेमवाल

उत्तरकाशी,। सांस्कृतिक मान्यताओं और त्योहारों का अनूठा संगम है। अपनी सांस्कृति परम्पराओं के लिए प्रसिद्व भेाटिया समुदाय का नये वर्ष लोसर की धूम है। यह त्योहार वीरपुर डुंडा, बगोरी जनपद उत्तरकाशी आदि स्थानों पर रहने वाले इस भोटिया समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है।
वीरपुर डुण्डा, बगोरी में रह रहे जाड़-भोटिया समुदाय के लोग नये साल का आगाज अपने ही अंदाज में मनाते हैं। लोसर फाल्गुन माह की आमवस्या के दिन दीपावाली बडे हर्षोल्लास के साथ समुदाय के सभी महिलायें, पुरूष, युवक, युवतियां व बच्चे छुलके;मशालें जलाकर एक स्थान पर अग्निकुण्ड में समर्पित करते है। इस त्योहार के तीसरे दिन होली के रूप में मनाया जाता है जिसमें रंगों की जगह आटे का इस्तेमाल किया जाता है। सुख समृद्वि व शांति की कामनाओं के साथ लोसर पर पूरे गांव में जश्न का माहौल रहता है तथा गांव में मिठाईयों के साथ ही अपने घर आने वाले मेहमानों के लिये प्रसाद के तौर विशेष रूप से तैयार छंग को मक्खन के साथ परोसा जाता है। छंग बनते समय पवित्रता का ध्यान रखते हुए इसे पहले देवताओं को समर्पित किया गया। वीरपुर डुंडा में रिंगाली देवी मंदिर में की डोली एवं समेश्वर की पालगी को ढोल की थाप पर पारंपरिक लोकनृत्य करते है। यह त्योहार भाईचारा व प्रेम का एक सच्चा रूप है। है इसी लिये लोसर के त्योहार के लिये यहां के निवासी दूर-दूर से खीच चले आते है। लोसर के मौके पर पूर्व विधायक विजय सजवाण ने भोटिया समुदाय को शुुभकामनाएंं दी। इस दौरन जिला कांग्रेस अध्यक्ष , जगमोहन सिंह रावत, कमल सिंह रावत, शीशपाल पोखरियाल, प्रताप प्रकाश पंवार, बगोरी-वीरपुर से नारायण सिंह, जसपाल सिंह, चरण सिंह सहित भोटिया समुदाय के लोग भारी संख्या में मौजूद रहे।
इधर जाड़ भोटिया जन कल्याण समिति वीर
उत्तरकाशी,। सांस्कृतिक मान्यताओं और त्योहारों का अनूठा संगम है। अपनी सांस्कृति परम्पराओं के लिए प्रसिद्व भेाटिया समुदाय का नये वर्ष लोसर की धूम है। यह त्योहार वीरपुर डुंडा, बगोरी जनपद उत्तरकाशी आदि स्थानों पर रहने वाले इस भोटिया समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है।
वीरपुर डुण्डा, बगोरी में रह रहे जाड़-भोटिया समुदाय के लोग नये साल का आगाज अपने ही अंदाज में मनाते हैं। लोसर फाल्गुन माह की आमवस्या के दिन दीपावाली बडे हर्षोल्लास के साथ समुदाय के सभी महिलायें, पुरूष, युवक, युवतियां व बच्चे छुलके;मशालें जलाकर एक स्थान पर अग्निकुण्ड में समर्पित करते है। इस त्योहार के तीसरे दिन होली के रूप में मनाया जाता है जिसमें रंगों की जगह आटे का इस्तेमाल किया जाता है। सुख समृद्वि व शांति की कामनाओं के साथ लोसर पर पूरे गांव में जश्न का माहौल रहता है तथा गांव में मिठाईयों के साथ ही अपने घर आने वाले मेहमानों के लिये प्रसाद के तौर विशेष रूप से तैयार छंग को मक्खन के साथ परोसा जाता है। छंग बनते समय पवित्रता का ध्यान रखते हुए इसे पहले देवताओं को समर्पित किया गया। वीरपुर डुंडा में रिंगाली देवी मंदिर में की डोली एवं समेश्वर की पालगी को ढोल की थाप पर पारंपरिक लोकनृत्य करते है। यह त्योहार भाईचारा व प्रेम का एक सच्चा रूप है। है इसी लिये लोसर के त्योहार के लिये यहां के निवासी दूर-दूर से खीच चले आते है। लोसर के मौके पर पूर्व विधायक विजय सजवाण ने भोटिया समुदाय को शुुभकामनाएंं दी। इस दौरन जिला कांग्रेस अध्यक्ष , जगमोहन सिंह रावत, कमल सिंह रावत, शीशपाल पोखरियाल, प्रताप प्रकाश पंवार, बगोरी-वीरपुर से नारायण सिंह, जसपाल सिंह, चरण सिंह सहित भोटिया समुदाय के लोग भारी संख्या में मौजूद रहे।
इधर जाड़ भोटिया जन कल्याण समिति वीर
पुर डुंडा के अध्यक्ष सेवक राम भंडारी, उपाध्यक्ष मदन सिंह डोगरा, कोषाध्यक्ष गुमान सिंह नेगी, पूर्व प्रधान बगोरी भगवान सिंह राणा,ने बताया कि हम जाट व भोटिया समुदाय भारत के मूल निवासी हैं और भारत के नागरिक है। हम लोगों का तिब्बत से कोई संम्बंध नहीं है । हमारा हिन्दू धर्म व यहां के रितिरिवाज मैं शिरकत करते ख रहे हैं । उन्होंने मीडिया मैं आये तिब्बत शब्द का खंडन किया है। उधर पोटल मैं आये तिब्बत शब्द त्रुटि वस पर संपादक ने वीरपुर डुंडा के जाड़ भोटिया समुदाय से खेद जताया है।