सिडक मैं थाती पूजन, धार्मिक अनुष्ठान मैं पांडव नृत्य देखने उमड रहा जन सैलाब।।
::हरीश डिमरी::
बड़कोट (उत्तरकाशी), । उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता यहां कण - कण मैं भगवान वास करते हैं। रवांईघाटी की यदि हम बात करे तो यहां धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न करने की परंपरा अनुठी हैं। इन दिनों ईष्ट देव राजा रघुनाथ के सानिध्य में ग्राम सभा सिड़क में 13 फरवरी संक्रांति को "थाती " माता का पूजन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। इसमें समस्त ग्रामवासी सिड़क करवा रहे हैं। हाथी पूजन अनुष्ठान आगामी 19 फरवरी को इष्ट देव राजा रघुनाथ के सानिध्य में वनकी देवी पूजा और पांडव नित्य मंडाण के साथ ग्राम वासियों को आशीर्वाद दिया । 19 फरवरी को रात्रि को पूरे गांव में चारों तरफ और रघुनाथ की पालकी सूत बांधा जाता है थाती के ब्राह्मण पुरोला गांव के हरि कृष्ण उनियाल, राजा रघुनाथ के पुजारी राजेंद्र सेमवाल ,राजा रधुनाथ माली गेन्दी गेरौला ,रात्रि लग्न अनुसार थाती का विसर्जन करेंगे ह उसके बाद सूत का कार्यक्रम तब होता है थाति माता बंद हो जाती है उसके बाद सूत गांव में घुमाया जाता है इसमें विशेष राजारघुनाथ मटेश्वर महादेव पूजन एवं मात्री 64 योगिनी कालरात्रि पूजन होती है माली पुजारी उनियाल का कहना है कि जिन्होंने अभी तक 365 थाति पूजन किया है ग्राम सिडक प्रधान राजमोहन बडोनी, गोपेश्वर प्रसाद बडोनी, रामकृष्ण बडोनी, पूर्व प्रधान चंद्रमोहन बडोनी, खिलानन्द बडोनी घनश्याम बिजल्वाण, बडोनी शशी नौटियाल भारत भूषण नौटियाल, रमेश बडोनी, विशाल बिजल्वाण, नबीन बडोनी, अरुण आदि मौजूद रहे हैं।