काश्तकारों को लॉकडान के दौरान कृषि कार्यों के लिए मिले छूट: प्रदीप भट्ट।।चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी,30 मार्च। कोरोना से देश भर चल रहा लॉक डाउन के दौरान लोगों जन प्रतिनिधि भी सीमांत क्षेत्रों मैं लोगों को जागरूक कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट इन दोनों ने जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी क्षेत्र भम्रण हैं। उन्होंने कोरोना के कारण बागवानी के लिए भी बाधक बताएं।
श्री भट्ट ने बताया है कि देश मैं चल रहे लॉकडाउन के चलते हर्षिल व हिमांचल से सटे आराकोट ,सांकरी क्षेत्र में सेब के पेड़ों में कीटनाशक दवाओं एवं फफूंदी नाशक दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही जिससे बकानी को भारी नुकसान का संभावना है।
श्री भट्ट ने कहा कि समय पर सेब के पेड़ों में यदि कीटनाशक दवाओं का छिड़काव न किया गया तो हानिकारक कीट सेब की फसल को बर्बाद कर देंगे।
ने कहा कि हर्षिल घाटी का राजमा एवं सेब न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश मे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है ।
उन्होंने कहा कि एक और जहाँ नोबल कोरोना वायरस के चलते गंगोत्री तीर्थ यात्रा पर बड़ा असर पड़ने से होटल ब्यवसाई का रोजगार ठप होने से एकमात्र उम्मीद सेब एवं राजमा से है।
काश्तकारों को एक दो दिन के भीतर कीटनाशक दवाओं को वितरित किया जाए। इधर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कृषकों, कृषि श्रमिकों प्रयुक्त वाहनों को लॉक डाउन अवधि में छूट देने का ऐलान कर दिया है। लॉग डाउन के दौरान जनपद के किसानों व बागवानों को बड़ी राहत देते हुए
डीएम ने पूर्व में जारी आदेशों में आंशिक संशोधन करते हुए कृषि कार्य करने वाले कृषकों एवं कृषि श्रमिकों,फार्म मशीनरी बैंक से संबंधित कृषकों, हल्दी एवं अदरक की ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले श्रमिकों, मौनपालको के मौनवंशों के माइग्रेशन तथा मशरूम उत्पादन की बिक्री में लोडिंग वाहनों को छूट प्रदान की गई है।