राजा बुध -मंत्री चंद्रमा :  59 साल बाद बन रहा दुर्लभ ग्रहों का योग 1961  में हुआ था भारत - चीन  युद्ध, इस बार चीन से ही  आया  कोरोना।। चिरंजीव सेेेमवाल 

राजा बुध - मंत्री चंद्रमा :  59 साल बाद बन रहा  दुर्लभ  ग्रहोंं का योग 1961  में हुआ था भारत - चीन  युद्ध, इस बार चीन से ही  आया  कोरोना।। चिरंजीव सेेेमवाल 


 


 


  उत्तरकाशी, 22 मार्च। 29 मार्च 2020 को  शनि से बृहस्पति एवं मंगल की मकर राशि में युति होने से 59 साल बाद सौर मंडल में दुर्लभ ग्रह स्थिति बन रही है। जिसका प्रभाव पूरे देश-  दुनिया भर के जनमानस पर दिखाई देगा । उत्तराखंड ज्योतिष रत्न डॉ घिल्डियाल ने बताया कि 59 साल बाद  दुर्लभ ग्रह का योग  बना है 1961  में  हुआ राजा बुध ,मंत्री चंद्रमा , बना था तब भारत - चीन  युद्ध हुआ था।  इस बार चीन से ही कोरोना वायरस आया और आज पूरे विश्व के मानव जाति के घातक बना हैै।


   डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि वर्ष 1961 में इसी प्रकार की ग्रह स्थिति सौरमंडल में बना था। उस समय  भारत को चीन से युद्ध करना पड़ा था। यद्यपि विजय श्री भारत को मिली थी और यह भी संयोग ही कहा जाएगा कि बदली हुई परिस्थितियों में वर्तमान में चीन से ही एक ऐसा वायरस पैदा हुआ है। जिसने देश और दुनिया भर के लगभग 185 देशों को हिला कर रख दिया है । इसलिए इस नवरात्र में लोगों को पूर्ण संयमित जीवन जीते हुए मां दुर्गा के नौ रूपों की और विशेष रूप से इस कोरोना जैसे महामारी से रक्षा के लिए कालरात्रि की आराधना विधान पूर्वक करनी होगी।
  उत्तराखंड ज्योतिष रत्न डॉ घिल्डियाल ने बताया कि इस संवत्सर का नाम प्रमादी संवत्सर है जिसमें राजा बुध एवं मंत्री चंद्रमा है। बुध ग्रहों में युवराज तथा चंद्रमा रानी है दोनों ग्रह सूर्य के काफी नजदीक तथा प्रभावित होने से अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं। इसलिए संक्रामक रोगों का खतरा यद्यपि वर्ष पर्यंत बना रहेगा परंतु जो लोग पूर्ण शाकाहारी तथा ईश्वर भक्ति का जीवन यापन करेंगे वह स्वयं के साथ-साथ पूरी मानव जाति को अपनी साधना से लाभ पहुंचाएंगे इसलिए सभी लोगों को धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्ति के लोगों का मनोबल बढ़ाना चाहिए।
 ज्योतिष में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त  डॉक्टर चंडी प्रसाद आगे बताते हैं कि इस वर्ष इस नव संवत्सर की शुरुआत कर्क लग्न में हो रही है जो चंद्रमा का लगन है तथा खास बात यह है कि उत्तराखंड राज्य का उदय भी इसी कर्क लग्न में हुआ था । इसलिए उत्तराखंड सरकार को अप्रिय घटनाक्रमों से बचने के लिए बहुत सावधान रहकर कार्य करना होगा विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी।


 कैसे मनाये नवरात्रि,क 



 चैत्र नवरात्रि  मैं व्यक्तिगत स्वार्थ को छोड़कर पूरे


विश्व की रक्षा के लिए  करेंअनुष्ठान  : डॉ. घिल्डियाल


  . ज्योतिष  रत्न डॉ घिल्डियाल ने कहा है कि यद्यपि इस वर्ष घट स्थापन मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में 11:57 से दोपहर 12:46 तक है परंतु ब्रह्म मुहूर्त को सभी शास्त्रों में प्रधानता होने से प्रातः काल 4:00 बजे से 6:00 के बीच भी घट स्थापन कर सकते हैं इस बार नवरात्र पंचकों में शुरू हो रहा है तो ध्यान रखें कि किसी वृक्ष की टहनी न तोड़े 26 तारीख सुबह 7:12 पर पंचक समाप्त हो जाएंगे कालरात्रि पूजन 31 मार्च मंगलवार को अर्ध रात्रि में होने से बहुत विशेष फलदाई योग बना रहा है । दुर्गाष्टमी 1 अप्रैल बुधवार को होने से विशेष प्रभावी है उसी दिन कन्याओं का पूजन करें नवमी 2 तारीख को राम जन्मोत्सव होगा परंतु हरियाली विसर्जन के लिए 3 तारीख शुक्रवार दशमी तिथि सर्वथा उचित है।  डॉक्टर घिल्डियाल ने देश के धर्म आचार्यों महंतों से अपील की है कि इस समय व्यक्तिगत स्वार्थ को छोड़कर पूरे विश्व की रक्षा के लिए अनुष्ठान करवाएं तथा 3 अप्रैल दशमी तिथि विजया तिथि है उस दिन जो तिल पीली सरसों आरती की कपूर काली मिर्च लॉन्ग छोटी इलायची मे घी मिलाकर यथा सामर्थ्य हवन अवश्य करें।
 


राशि अनुसार इस प्रकार करें पूजन।।


 मेष- राशि कुमकुम तथा गुड़हल के फूलों से।।


वृष - पंचामृत से मिथुन नारियल से।


कर्क - विभिन्न किस्म के फूलों से सिंह शहद एवं गुड़ से।


कन्या - नारियल से तुला पंचामृत से।


वृश्चिक - गुड़हल के फूलों से धनु हल्दी एवं नारियल से।


मकर-  जौ एवं काले तिलों से।


कुंभ -नारियल से।


मीन- पंचामृत एवं गुड़हल के फूलों से।