उत्तराखंड  विधुत आयोग ने कि जनसुनवाई, दिल्ली की तर्ज पर  बिजली फ्री करने के सुझाव ।। अपनी राज्य की विद्युत  को महंगी दरों में उपभोग करने को मजबुर उत्तराखंड के बाशिंदे।। चिरंजीव सेमवाल

 



उत्तराखंड  विधुत आयोग ने कि जनसुनवाई, दिल्ली की तर्ज पर  बिजली फ्री करने के सुझाव ।।
अपनी राज्य की विद्युत  को महंगी दरों में उपभोग करने को मजबुर उत्तराखंड के बाशिंदे।।


चिरंजीव सेमवाल

 

उत्तरकाशी,4 मार्च।  उत्तराखंड में  एक अप्रैल  नई विद्युत दरों को लेकर  उत्तराखंड  विधुत आयोग के प्रभारी चेयरमैन डीपी गैरोला ने बुधवार को उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट स्थित ऑडिटोरियम में जनसुनवाई की। जन सुनवाई में लगभग 30  लोगों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे हैं। इस दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत दीपक बिजल्वाण ने बताया कि आज उत्तराखंड राज्य 20 वर्ष  का हो चुका ,लेकिन हमारी सरकारों ने इस पृथक राज्य की अवधारणा को ही समाप्त कर दिया है । उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड राज्य के लोगों ने बिजली के खातिर अपनी मातृभूमि का बलिदान किया है। इसके साथ- साथ पर्यावरण की भी भारी क्षति पहुंचाई है, लेकिन उत्तराखंड का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि यहां के नागरिकों को अन्य राज्यों की अपेक्षा महंगी दरों मैं बिजली दी जाती है । जिससे कि यहां के उपभोक्ता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड का पानी उत्तराखंड से विद्युत बन रही है और दिल्ली सरकार फ्री बांट सकती है और पडोसी राज्य हिमाचल सरकार सस्ती दे सकती  है तो उत्तराखंड में क्यों नहीं ? उन्होंने आयोग से अनुरोध किया है कि उत्तरकाशी सीमांत जनपद है यहां पर्यटन व्यवसाय कुछ ही महीनों में होता है जिसके चलते होटल व्यवसायियों को अन्य उपभोक्ताओं को विद्युत की भारी-भरकम राशि चुकानी पड़ती है। उन्होंने विद्युत दरों में कमी करने का अनुरोध किया है। इस दौरान  जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने ज्ञापन देकर के आयोग से अनुरोध किया है ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत निशुल्क दी जानी चाहिए तथा शहरी क्षेत्रों में वर्तमान मूल्य दर से आधे दर पर बिजली दिए जाने चाहिए। वही लंबित बिलों को 90 फ़ीसदी तक कम करके उस कारण निपटारा किया जाए। जिससे कि गरीब जनता को बिल का भुगतान कर सकें । इस दौरान मोरी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत ने कहा है कि मोरी क्षेत्र के सैकड़ों को ऐसे हैं जहां शीतकालीन में 4 महीने तक बर्फ से ढके रहते हैं और बरसात में 4 महीने तक भारी बारिश होती है इस दौरान यहां विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप रहती है । उन्होंने अनुरोध किया है कि उक्त क्षेत्र में समस्त बिलों को माफ करके तथा हिमाचल की तर्ज पर विद्युत दरों में कटौती की जाए। जन सुनवाई के दौरान दिनेश सेमवाल, होटल एसोसिएशन के शैलेंद्र मेटोडा ,उत्तरकाशी बार संगठन के अध्यक्ष सहित कई उपभोक्ताओं ने आयोग के समक्ष अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे इस दौरान आयोग की तकनीकी सलाहकार सदस्य जेके जैन ,प्रभात डिमरी ,दीपक पांडे ,विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता उत्तरकाशी मनोज गुसाईं ,आरएलडी रतूड़ी आदि मौजूद रहे हैं।