उत्तरकाशी,28 मार्च । कोरोना वायरस के संक्रमण क रोकथाम मैं लगे जिले के और वैदिक यूनानी आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सकों के पास मास्क सैनिटाइजर आदि ना होने से वे अपने जीवन को जोखिम में डाल कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश की कृषि मंत्री एवं उत्तरकाशी जिले की प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस संबंध में इस संबंध में जिलाधिकारी उत्तरकाशी सी बात करूंगा और ड्यूटी के दौरान इस संकट की घड़ी में अपनी सेवा दे रहे हैं सभी कर्मियों को उचित सामग्री दी जाए। मंत्री श्री उनियाल ने बताया कि जहां तक एलोपैथिक डॉक्टरों एवं पुलिसकर्मियों कर्मियों की भांति अन्य कर्मियों को भी बीमा के लिए मैं मुख्यमंत्री से वार्ता करूंगा ।
बता दे कि कि भारत के लॉग डाउन होने के बाद प्रवासी उत्तराखंडी देश के विभिन्न शहरों में काम करने वाले करीब 22 हजार लोग वापस अपने घरों को लौटे हैं। उत्तरकाशी जिले में भी करीब 2 हजार लोग अलग-अलग शहरों से वापस आ चुके हैं। ऐसे लोगों को उनके घर पहुंचाने और और उनकी जांच का जिम्मा आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सकों के साथ ही आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं और राजस्व कर्मियों के जिम्मे है।
इधर आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सा संघ के प्रदेश महासचिव डॉक्टर हरदेव सिंह रावत ने विभागीय मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को पत्र लिखकर बताया कि देश में कोरोना जैसे गंभीर महामारी का प्रकोप है। इसके लिए और हमारे टीम सरकार और जनता के साथ खड़ी। उन्होंने इस बात की चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि हमारे पूरी टीम संकट किसी घड़ी में अपनी पूरी सेवा दे रहे हैं। लेकिन एलोपैथिक डॉक्टरों की तर्ज पर आयुर्वेदिक यूनानी डॉक्टरों को इस दौरान बीमा एवं मास्क सैनिटाइजर आदि उपलब्ध करवाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि आयुष मिशन के अंतर्गत कोरोना से निपटाने के लिए हमें बजट आवंटित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के लक्षण 5 या 14 दिनों बाद भी नजर आ सकते हैं। इस बीच उसके संपर्क में आया कोई भी व्यक्ति इनफेक्टेड हो सकता है।इस खतरे को नजरअंदाज करते हुए राजस्व कर्मियों, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को और आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सकों को इन लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के लिए लगा दिया गया है।