उत्तरकाशी। जनपद के हर्षिल , ,धराली,मुखवा,झाला जशपुर आदि सेब पट्टी मैं सेब की फलोरिगं फूलों के खिलने का समय है। बागवानों में पेडों के प्रागण एक दुसरे तक पहुचाने में मधुमक्खियों की आवश्यकता होती है । जिससे सेब की पैदावार बेहतरीन हो होती हैं। भटवाड़ी प्रमुख विनीता रावत ने जिला उद्यान अधिकारी को पत्र लिखकर 8 गांवों के काश्तकारों के लिए मधुमक्खी 630 डिब्बे की मांग की है।
प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि यदि सुक्की-100 ,जसपुराली-70 ,पुराली-50 ,धराली-100 ,बगोरी-70,मुखवा-70 ,हर्षिल-70 ,झाला-100 मधुमक्खी के लिये 630 डिब्बे जल्दी नहीं मिले तो सेब उत्पादन में इसका बुरा असर पड़ेगा जिससे काश्तकारों को लाखों रुपए का नुकसान होगा । उन्होंने कहा कि उपला टकनौर क्षेत्र में आजकल सेब की फलोरिगं फूलों के खिलने का समय है जिसके लिए आजकल बागवानों में पेडों के प्रागण एक दुसरे तक पहुचाने में मधुमक्खियों की आवश्यकता होती है जिससे सेब की पैदावार बेहतरीन हो सके।
प्रमुख श्री मती रावत का कहना कि है बीते वर्ष समय से मधुमक्खी के डिब्बे पहुंच गये थे। लेकिन इस वर्ष अभी तक विभाग द्वारा डिब्बों की ब्यवस्था नहीं की गई है। जिससे उपला टकनौर में सेब के काश्तकारों के माथे पर चिंता की लकीर हैं।